उत्तराखंड के लिए सशक्त भू कानून क्यों जरूरी है

भू कानून और मूल निवास क्यों जरूरी है



वर्तमान समय में उत्तराखंड की जनसंख्या लगभग एक करोड़ के आसपास है जिसमें से 50% लोग गढ़वाली और कुमाऊनी है और 50% देसी और गढ़वाली कुमाऊनी भाषा बोलने वाले लोग भी लगभग 50% के आसपास ही है बाकी राज्य में लगभग 43 से 45% हिंदी बोली जाती है ।
 जिलों के हिसाब से देखा जाए तो दो जिले पूरे तरह से मैदानी जिले हैं हरिद्वार और उधम सिंह नगर।
 नैनीताल जिले और देहरादून जिले का कुछ हिस्सा मैदानी है ,
 और जनसंख्या घनत्व के हिसाब से देखा जाए तो मैदानी हिस्से में उत्तराखंड की लगभग आधी जनसंख्या निवास करती है
 और बाकी 50 % जनसंख्या 10 पहाड़ी जिलों में निवास करती है , उत्तराखंड की परिकल्पना एक पहाड़ी राज्य के रूप में की गई थी लेकिन दो मैदानी जिलों को जोड़कर यहां की डेमोग्राफिक बदल दी गई
 और भविष्य में परिसीमन के बाद भविष्य ऐसा होगा 
कि उत्तराखंड की राजनीति मैदानी क्षेत्र से ही तय होगी

#मूलनिवास #भूकानून #उत्तराखंड 


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2 Comments

Anonymous said…
Mul niwas bhu kanun