काफल उत्तराखंड का एक बहुत ही प्रसिद्ध और स्वादिष्ट जंगली फल है। इसे उत्तराखंड के गढ़वाल और कुमाऊं क्षेत्र में गर्मियों के मौसम में खाया जाता है। स्थानीय गढ़वाली भाषा में इसे काफल कहा जाता है।
काफल मुख्य रूप से उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों, हिमाचल प्रदेश, नेपाल और अन्य हिमालयी क्षेत्रों के जंगलों में पाया जाता है। इस फल के पकने का मौसम अप्रैल से जून के बीच होता है। इसका स्वाद हल्का खट्टा-मीठा होता है, जो खाने में बेहद स्वादिष्ट लगता है।
इस फल का रंग गहरा लाल या मैरून (maroon) होता है और इसका आकार छोटे बेर जैसा होता है। बच्चों से लेकर बड़ों तक सभी को इसका स्वाद बहुत पसंद आता है। गांवों में लोग इसे नमक और मिर्च लगाकर खाते हैं।
काफल से जुड़ी अनेक कहानियाँ भी प्रचलित हैं। उत्तराखंड में काफल पर आधारित एक प्रसिद्ध लोकगीत है:
"बुरांश को फूल और काफल है, मेरी मायालु याद आई।"
यह फल केवल स्वाद के लिए ही नहीं, बल्कि भावनात्मक रूप से भी उत्तराखंड की संस्कृति से गहराई से जुड़ा हुआ है।
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