तेहरान/वॉशिंगटन, 22 जून 2025 –
ईरान और अमेरिका के बीच तनाव अब खुले सैन्य संघर्ष में बदल चुका है। बीती रात अमेरिका ने एक बड़ी सैन्य कार्रवाई करते हुए ईरान के तीन प्रमुख परमाणु ठिकानों पर हवाई हमला किया है। इन ठिकानों में फोर्डो, नटांज़, और ईरफान के अंडरग्राउंड न्यूक्लियर फैसिलिटीज शामिल हैं।
इस हमले को अमेरिका ने अपने अत्याधुनिक B-2 स्टील्थ बॉम्बर्स के जरिए अंजाम दिया, जो विशेष रूप से बंकर बस्टर बम गिराने के लिए बनाए गए हैं। इन हमलों का मकसद ईरान के परमाणु कार्यक्रम को नुकसान पहुंचाना बताया जा रहा है।
ईरान की प्रतिक्रिया
ईरान के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाह अली खामेनेई ने इस हमले की तीव्र निंदा करते हुए कहा,
> “ईरान कभी आत्मसमर्पण नहीं करेगा। अमेरिका और इज़राइल को इस हमले की भारी कीमत चुकानी होगी।”
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की है।
रूस और चीन ने अमेरिका की कार्रवाई को "उकसाने वाला और एकतरफा कदम" करार दिया है।
खाड़ी देशों में तनाव बढ़ता नजर आ रहा है, खासकर यूएई, सऊदी अरब और इराक में, जहां 40,000 से अधिक अमेरिकी सैनिकों को हाई अलर्ट पर रखा गया है।
तेल की कीमतों पर असर
इस संघर्ष का सीधा असर वैश्विक बाजारों पर भी पड़ा है। कच्चे तेल की कीमतों में तेज उछाल दर्ज किया गया है, जो आने वाले दिनों में 120 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंचने की संभावना जताई जा रही है।
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